सावन में तेरी याद
सावन में तेरी याद
सावन हरियाली में तेरी रूह झलकती है,
तू ख्वाब सा सांसों में आकर खुशबू बनकर बहकता है ।।
बादल की बूंदों के संग तू मेरे तन मन को भिगोता है ,
चेहरे पर छिड़कर अपने एहसास को होश को उड़ाता है ।।
कोयल , मोर, पपीहा देखो कैसे तुझको ही गुनगुनाते है।
बादल भी आकाश में बैठे तेरे यादों को बरसाते है ।।
हाथ चूड़ी, मेहँदी , कंगन तेरे बोली को गाते है ।
आंखों के काजल को तो देखो , तेरी यादों में आंसू बहाते है ।।
सावन के बहकते फूल , कजरा बनकर मेरे बालों में लहराते है ,
होंठों की लाली को देखो तेरे नाम से मुस्कुराते है ।
मौसम , बरखा , बादल को तू छोड़ ,
मेरा हर श्रृंगार तेरी याद में दिल बहलाता है ।
सावन में तेरी याद हर पल बहुत सताती है ।।

