तेरे बिन सब अधूरा क्यों
तेरे बिन सब अधूरा क्यों
सब पास है फिर तु दुर क्यों, दिल में प्यार है तो ये इंतजार क्यों।
मंजिल एक है तो ये रास्ते अलग क्यों, तेरे बिन ये सफर इतना तनहा क्यों।।
कसुर क्या है मेरी जिंदगी का, यहां दुःख बेहिसाब क्यों।
चाहत है तुझे पाने की तो, इतनी तड़प क्यों, तेरे बिन हर खुशी अधुरा क्यों।।
हर पल तुझसे ही मिलने की ख्वाहिश क्यों, हर रास्ते की मंजिल तु ही क्यों।
हर दुआ की पहली शब्द तु ही क्यों, मेरी खुशियों की पहला नाम तु ही क्यों।
हंसी में खुशी में, दुख में दर्द में तेरी ही आदतें क्यों।
तु ना मिले तो मेरी मौत सी हालत क्यों।
तेरे यहां सब अधुरा क्यों, खुशियां भी और जिन्दगी भी इतनी तन्हा क्यों।।

