संग हम-तुम
संग हम-तुम
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जहां महकने लगी जब हम तुम संग आए ,
कलियां खिलने लगी जब हम-तुम संग मुस्कराए ।।
मुझे सूरज में लाली गहरी लगने लगी ,
चांद भी दमकने लगा जब मैं और तुम , हम बन कर संग गुनगुनाएं ।।
प्यार की एहसास मैं जब हम एक दूसरे में समाएं ,
कोयल मोर पपीहा संग में मनोहार मृदंग वो गाए ।।
मौसम भी संग नृत्य करें , बाद बरखा बरसाए
सावन में हरियाली देखो चारों दिशा लहराएं ।।
संग हम दोनों का रहना , हर पल मेरे मन को हर्षाए
तुम जब हो साथ मेरे तो ये पूरा जहान मेरे दिल में ही मिल जाए ।।