दोनों को रंग दे प्यार के रंग में वे होली खेले बड़े स्नेह से ! दोनों को रंग दे प्यार के रंग में वे होली खेले बड़े स्नेह से !
अभी नहीं है फुर्सत होली फिर आना। अभी नहीं है फुर्सत होली फिर आना।
रंग बरसे, मोहन मतवारा। राधा घूम-घूम कर नाचें निरखे मोहन प्यारा।। रंग बरसे, मोहन मतवारा। राधा घूम-घूम कर नाचें निरखे मोहन प्यारा।।
कहीं आतिशबाजी होती कहीं ख़ुशियों की होली! कहीं आतिशबाजी होती कहीं ख़ुशियों की होली!
कान्हा मारे पिचकरिया ये सखिया बदनवा भिंजेला मोर! कान्हा मारे पिचकरिया ये सखिया बदनवा भिंजेला मोर!
दिल्लगी का नशा है राधा प्यारी. रुक रुक कर डालो रंग होली है! दिल्लगी का नशा है राधा प्यारी. रुक रुक कर डालो रंग होली है!