होली खुशियों की
होली खुशियों की
कहीं आतिशबाजी होती
कहीं ख़ुशियों की होली
जाते-आते हँसते-गाते
हो जाती है हँसी ठिठोली।।
रक्त है कहीं पर उबलता,
कहीं साथ का रुत बदलता
कहीं मादक मुस्कान है फैली
कहीं तमन्ना दिल की भोली।।
हो जाती है हँसी ठिठोली।
यह मंजर याद आएगा जरूर
यादों में मोहतरमा, हुजूर
कैसे कैसे दिन- रैन बीतते
कितनों ने कितने राज खोलीं
हो जाती है हँसी ठिठोली।।
ऐसे ही रहे दमकते चेहरे
चाहे वक्त हो कितने गहरे।
हमेशा सभी तारों से चमके
पूरे करे कसमें जो भी ली।।
होती ही रहे हँसी ठिठोली।।
