ढूंढना आकाश में
ढूंढना आकाश में
मेरे नहीं है वास्ते
यह जंगम संसार
इच्छाएँ अनंत, द्वन्द्व
आशाएं अपार।।
संसार यह द्वेष ,
ईर्ष्या बदला लिए
क्या मैं हूँ अकेला
जो है प्यार किए।।
न कोई वादा, न
इरादा पूर्ण करना
मैं आज़ाद, तुम
भी हो, धैर्य रखना।।
नहीं खुश, आभासी
किसी चीज़ से
मैं हूं ऐसा, रहता रहित
हर खीज से।।
कर सकता तो करता
 
; ये बस वादा
न होगा हाथ तेरे साथ
कल ज्यादा।।
कल कोशिकाएं मरेंगी
गति रुकेगी।
शरीर गला विघटन से,
दुर्गंध उठेगी।।
मैं होऊँगा विलुप्त ढूंढ़ना
आकाश में
तब सच में रहूँगा, तुम्हारे
पास में ।।