STORYMIRROR

Dr.Pratik Prabhakar

Action Others

3  

Dr.Pratik Prabhakar

Action Others

शुभरात्रि

शुभरात्रि

1 min
229

रात होने को है

घनी

मैं कहता हूँ

शुभ रात्रि,

जवाब दो न

कहाँ गए

मेरे अधूरे ख़्वाब,

मेरे जज्बात

मरना नहीं,

जिन्दा रहो

मेरे सीने में दफ़न

कल फिर कौन

साथ होगा तन्हाइयों में

मेरे लिबास से लिपटा

मैं ढूंढूंगा तुम्हें

तरके कल

ओढ़ लूंगा फिर से

बन के निकलूंगा कल

मैं सूरज की रोशनी में

डर तो होगा नहीं तब

घुप्प अँधेरे का......



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Action