जीवन एक कला है
जीवन एक कला है
आँसुओं को पीकर मुस्कराना एककला है।
सारे गम छुपा कर जीना एककला है।
खुद भूखेपेट रहकर सभी को उनके पसंद के
पकवान बनाकर खिलाना भी एककला है।
कितनी भी परेशान हो बेटी ससुराल में,
पर माँ को फोन पर सबठीक बताना भी एककला है।
भले ही टूट चुकी हो अन्दर से एक स्त्री,
पर एक माँ को बच्चों के सामने,
खुद को मजबूत दिखाना भी एककला है।
कोई भी पड़ाव हो एक स्त्री की जिन्दगी का,
हर पड़ाव पर खुद को साबित करना एककला है।
रूढ़िवादी परंपराओं और पुरानी रीति, रिवाजो
के बीच अपनी इक नई सोच बनाना भी एक कला है।