कहानी कविता को लिखने का शौक है। पढ़ना भी बहुत पसन्द है। अपनी कलम से जब भी कोई किरदार लिखती हूँ, खुद भी उसे उसके साथ ही जीती हूँ।
जिस आंगन में खेली कूदी,<br>हर कोने में बसी कहानी अधूरी ।<br>मां का सारा प्यार वहां पर,<br>पापा जी का... जिस आंगन में खेली कूदी,<br>हर कोने में बसी कहानी अधूरी ।<br>मां का सारा प्यार वह...
बेपरवाह इतना हो गया कि गहरे दर्द को भी हल्के में टाल रहा मेरा दिल, बेपरवाह इतना हो गया कि गहरे दर्द को भी हल्के में टाल रहा मेरा दिल,
पर हाय री किस्मत तूने ये क्या जुल्म कर डाला, पर हाय री किस्मत तूने ये क्या जुल्म कर डाला,
लो फिर ये बैरी बरसात आ गई जो भुला चुके थे हम फिर तेरी वो याद आ गई। लो फिर ये बैरी बरसात आ गई जो भुला चुके थे हम फिर तेरी वो याद आ गई।
अपने जीवन में कुछ यूं उलझा था, समाज से ना कुछ मेरा लेना देना था। अपने जीवन में कुछ यूं उलझा था, समाज से ना कुछ मेरा लेना देना था।
आज मेरे शहर की गली में वो दिखा था कुछ उदास कुछ बुझा -बुझा ऐसा मुझे लगा। आज मेरे शहर की गली में वो दिखा था कुछ उदास कुछ बुझा -बुझा ऐसा मुझे लगा।
बोले "श्रीमती जी हमारी गुस्ताखी माफ करो.. आपकी मार्च क्लोजिंग तो मुझसे भी ज्यादा मुश्किल है बोले "श्रीमती जी हमारी गुस्ताखी माफ करो.. आपकी मार्च क्लोजिंग तो मुझसे भी ज्य...
तभी करो शादी जब अपने अरमानों को पूरा करने के लिए तुम खुद को काबिल बना लो। तभी करो शादी जब अपने अरमानों को पूरा करने के लिए तुम खुद को काबिल बना लो।
शर्मा जी के लायक बेटे ने मुझे नालायक बनाने में कोई कसर न छोड़ी थी। शर्मा जी के लायक बेटे ने मुझे नालायक बनाने में कोई कसर न छोड़ी थी।
सब लेते हैं सर्दियों के मजे पर बहू की दो आंखें इक कतरा धूप को तरसतीं हैं। सब लेते हैं सर्दियों के मजे पर बहू की दो आंखें इक कतरा धूप को तरसतीं हैं।