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Anita Sharma

Romance Tragedy

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Anita Sharma

Romance Tragedy

मेरा दिल

मेरा दिल

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203

आज कल हर ओर कुछ खोज रहा है मेरा दिल,

लगाना तो चाह रही हूं इसे हर जगह

पर कहीं लग नहीं रहा है मेरा दिल ।

बेपरवाह इतना हो गया कि गहरे दर्द को भी हल्के में टाल रहा मेरा दिल,

पर सजग इतना कि हर बात को खुद से लगा दर्द में डूबा जा रहा मेरा दिल।

समझ नहीं आ रहा कि ये उम्र का असर है या गहरे लगे जख्मों का असर 

कि अब हर रिश्ते से नाता तोड़ता जा रहा मेरा दिल।



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