अरमान
अरमान
घर, कार,पैसा,ना जाने कितने ख्वाब सजा लेती हैं,
शादी के बाद ये सब होंगे अपने लड़कियां ये अरमान सजा लेती है।
भूल जातीं हैं वो कि दूसरों के भरोसे ख्वाब नहीं देखे जाते,
जो हम खुद पूरा ना कर पाऐं ऐसे अरमान नहीं सजाए जाते।
पर उनकी भी क्या गलती उन्हे तो यही सिखाया जाता है,
पति करेगा हर अरमान पूरा उन्हे यही बताया जाता है।
फिर बिखरते हैं अरमान हर ख्वाब धरा रह जाता हैं,
जब अपनी पत्नी के ख्वाहिशों का बोझ पति उठा नहीं पाता है।
इसीलिए कहती हूं लड़कियों अपने ख्वाबों का बोझ जब खुद उठा लो,
तभी करो शादी जब अपने अरमानों को पूरा करने के लिए तुम खुद को काबिल बना लो।।