शून्य से शुरूआत है
शून्य से शुरूआत है
क्या हुआ जो टूट गया,
सब से पीछे छूट गया l
बिखरा है तो क्या हुआ,
उम्मीद रख जुड़ जाएगा l
रब ने दी हिम्मत के साथ देख नयी सौगात है,
शून्य से शुरूआत है शून्य से शुरूआत है l
क्यूँ हार का गम मनाता है,
जग में आकर ही सब जीता था l
अभी से क्यूँ मुरझाता है,
फ़िर क्यूँ ना तू लहराता है l
खुद में नया जोश जगा अब फ़िर नयी सी बात है,
शून्य से शुरूआत है शून्य से शुरूआत है l
क्यूँ तू शून्य से डरता है,
हर कोई शून्य से बढ़ता है l
घड़ी जो हर वक्त इठलाती है,
हर रात शून्य हो जाती है l
चल कदम बड़ा भगा दे डर जो तुझ में जन्मजात है,
शून्य से शुरूआत है शून्य से शुरूआत है l
बहुत सो लिया अंधेरों में,
शून्य के इन काले घेरो में l
देख सूर्य क्या सिखलाता है,
हर रोज शून्य से उठ जाता है l
एक दिन यह ढल जाएगी गम की जो काली रात है,
शून्य से शुरूआत है शून्य से शुरूआत है l
हाँ हुआ हैं तू शून्य जरूर,
समझा सबने व्यर्थ जरूर l
यह क्या पहली बार हुआ,
जन्म से भी तो शून्य था l
गिरा हुआ है उठेगा तू,
कोशिश से गर बढ़ेगा तू l
गिले शिकवे सारे माफ़ है अब होगी नयी हर बात है,
चल उठ अब दौड़ ले आरिफ़ देख नयी प्रभात है,
शून्य से शुरूआत है शून्य से शुरूआत है l
