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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

बेटियां

बेटियां

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जब होता है, परमात्मा का सही मुड़

तभी बनाता है, वो तो बेटी रूपी फूल

इन्हें कोख में मारने की नही करे भूल

न तो खुदा देगा शूल से भी बड़ा शूल


जब हजार दुआएं होती है, न कबूल

तब गुलशन में खिलता है, यह फूल

यह बात लिखी है, कुरान में रसूल

बेटियां होती है, दो नूरवाला कोहिनूर


सबने बेटियों को कहा, जग मूल

बिना बेटियों के यह जग निर्मूल

गर न होती यहां बेटियों की धूल

कैसे पाते मां, पत्नी, बहन फूल


बेटियों को न मानिए कभी भूल

इन्हें ख़ूब पढ़ाइये, ख़ूब लिखाइये

बेटियां करती है, यहां नाम मशहूर

बेटियों से घर स्वर्ग बनता है, हुजूर


जब ईश्वर खुश होता है, मन-मयूर

तब बनाता है, वो बेटी रूपी फूल

अपनी बेटियों पर आप करे गुरुर

यह न होती है, कोई बोझ स्वरूप


बेटियां, जन्म से त्याग करती, ख़ूब

सर्व सुख में अपने गम जाती, भूल

बेटियां खुदा का दिया अनमोल, फूल

बेटियों को मानो मां, आदिशक्ति रूप


जो बेटियों को मानते है, जीवन मूल

उनके जीवन मे न होता, तम तूल

वो बन जाते है, जग में कमल फूल

बेटियों को जो मानते, स्वस्तिक फूल


जब होता है, परमात्मा का सही मुड़

तभी बनाता है, वो बेटी रूपी फूल

इसलिये बेटियों को न फेंकिये, हुजूर 

बेटियों बिन होगा, हमारा कोई वजूद।


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