मेरा परिचय महाकवयित्री आदरणीया महादेवी वर्मा जी की पंक्तियां हैं-मैं नीरभरी दुख की बदली उमड़ी कल थी बह आज चली परिचय इतना इतिहास यही। क्योंकि पानी के बहाव की तरह ही जीवन के सुख दुख स्थाई नहीं होते।
अपने नाम के अनूरूप ही मेरा इतना ही मानना है कि स्वयं के परिचय के लिए मैं न कलाकार न कलमकारा न ही... Read more
मेरा परिचय महाकवयित्री आदरणीया महादेवी वर्मा जी की पंक्तियां हैं-मैं नीरभरी दुख की बदली उमड़ी कल थी बह आज चली परिचय इतना इतिहास यही। क्योंकि पानी के बहाव की तरह ही जीवन के सुख दुख स्थाई नहीं होते।
अपने नाम के अनूरूप ही मेरा इतना ही मानना है कि स्वयं के परिचय के लिए मैं न कलाकार न कलमकारा न ही रौशनाई हूं, बस एक छोटी सी सरिता, बहती-बहती चली आई हूं। Read less