बेहतर है
बेहतर है
समय रहते जागना बेहतर है
मौत कभी बताकार नहीं आती है
रिश्तो की डोर को विश्वास से थामें रखना बेहतर है
गलतफहमियां बताकर पैदा नहीं होती हैं
मंजिल पाने का सपना पालना बेहतर है
गर लाख कोशिश के बाद भी मंजिल न मिले तो
मंजिल नहीं रस्ता बदलने पर ज़रूर मिलती है
सारे जहाँ की खुशी पाने की चाहत बेहतर है
पर मौजुदा ख़ुशी को न भोग जो नहीं है
उसे पाने की चाहत कुंठा में बदल जाती है
आदर्शों और सिद्धांतों का गुरूर पालना भी बेहतर है
वर्ना बिना रीढ़ की हड्डी के जीवन दिव्यांगता बन जाती है।