STORYMIRROR

Manju Rai

Inspirational

4  

Manju Rai

Inspirational

हौसलों  की उडान

हौसलों  की उडान

1 min
409


रूकी नहीं है तलाश मंज़िल  की

ये तो बस ठहराव है कुछ पलों का


लोंगों की निगाहों में निकले हम नकारा

पर अभी तो ये शुरुआत है संघर्षों का


सूरज के उदय से पहले होती है रात घनघोर काली

रोशनी का  बिखराव पता देता है उसके अस्तित्व का


माना समय ले रहा इंतेहान हमारा

कमर हमने भी तो कस ली है 

देंगें हम जवाब तेरे हर सवाल का


ज़िन्दगी तुझसे रार हमने है ठानी 

मुकद्दर अपना हम लिखेंगे ,


जो नहीं है किस्मत में 

हासिल करेंगें अपने हिम्मत के दम पे


विस्वास है अडिग , साहस है असीम

होंसलों की उडान से लिखेंगें अपना नसीब।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational