हौसलों की उडान
हौसलों की उडान


रूकी नहीं है तलाश मंज़िल की
ये तो बस ठहराव है कुछ पलों का
लोंगों की निगाहों में निकले हम नकारा
पर अभी तो ये शुरुआत है संघर्षों का
सूरज के उदय से पहले होती है रात घनघोर काली
रोशनी का बिखराव पता देता है उसके अस्तित्व का
माना समय ले रहा इंतेहान&nb
sp;हमारा
कमर हमने भी तो कस ली है
देंगें हम जवाब तेरे हर सवाल का
ज़िन्दगी तुझसे रार हमने है ठानी
मुकद्दर अपना हम लिखेंगे ,
जो नहीं है किस्मत में
हासिल करेंगें अपने हिम्मत के दम पे
विस्वास है अडिग , साहस है असीम
होंसलों की उडान से लिखेंगें अपना नसीब।