STORYMIRROR

chandraprabha kumar

Inspirational

4  

chandraprabha kumar

Inspirational

साम्राज्य ईश्वर का

साम्राज्य ईश्वर का

1 min
224

यह ब्रह्माण्ड का साम्राज्य

जिसका एक क्षुद्र अंश पृथ्वी है,

प्रकृति के नियमों द्वारा सुरक्षित है

यह सब ईश्वर की सम्पत्ति है। 


सामूहिक मिथ्या धारणा वश

ईश्वर के साम्राज्य को अपना बताते ,

मनुष्य का पृथ्वी पर दावा मिथ्या

इसी से पृथ्वी की शान्ति विचलित होती। 


ईश विहीन समाज में

सुख शान्ति कहां,

साम्राज्य को लेकर झगड़े होते

स्वामित्व का मिथ्या दावा होता। 


दूसरे के साम्राज्य को अपना समझना

प्रकृति के नियमों में व्याघात है,

यदि चाहते हैं शान्ति 

तो समझें सब कुछ प्रभु का। 


जाने जो है जगत में ईश का है

आप भोक्ता हैं, ऐश्वर्य प्रभु का है। 

वास्तविक स्थिति अनुभव करें

परिणाम होगा शान्ति तथा सम्पन्नता। 


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational