उसी का प्रसाद
उसी का प्रसाद
1 min
11
हाइकु
1.
पेड़ों के पीछे
रक्तिम गोला रवि
नीचे हो आया ॥
2.
कालिमा फैली
धीमे से सॉंझ आई
नयन थके ॥
3.
थकित मन
विश्राम की आकांक्षा
विभावरी में ॥
4.
अकेलापन
व्यथापूरित मन
धीरज कहॉं ॥
5.
जब जो आए
उसी का प्रसाद है
स्वीकार करो ॥
