STORYMIRROR

chandraprabha kumar

Inspirational

4  

chandraprabha kumar

Inspirational

जागरण

जागरण

1 min
307

             

 उठो उठो ,

कर्म करो ,

कुछ तो करो

जगत से जुड़ो ,

 तुम्हारे लिए केवल तुम्हारे लिए 

यह सृष्टि का विधान है ।


तुम इसका हिस्सा हो

इससे तुम हो

तुमसे यह है,

यह असीम यह विराट तुम्हारा है,

तुम्हारी शक्ति है।

अपनी शक्ति के उत्स को पहिचानो,

अपने को जोड़ो

तोड़ो नहीं।


रुको नहीं,उठो उठो ,

कुछ तो करो,

कुछ न करने से कुछ करना बेहतर है,

रोने से हँसना बेहतर है।

सपने देखो ही नहीं

उन्हें जियो भी

उन्हें महसूसो भी

 उनमें अपनी निष्ठा का रंग भरो।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational