मेरा ननिहाल
मेरा ननिहाल
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मेरा ननिहाल
लो आई गर्मियों की छुट्टियां
याद आई ननिहाल की गलियां
बंध गए घुंघरू पांव में ।
सूरज की तपती धूप में
शीतल छांव है नानी का प्यार
समुंदर की उठती लहरों सा
है नाना का प्यार
शोरगुल करने पर भी ना रोक ना
किसी की टोक, ननिहाल का ऐसा
सुखद अनुभव ना कहीं और।
नानी का वो आंचल
नाना का दुलार याद आता है
मुझे वो मेरा ननिहाल याद आता है।
स्वादिष्ट पकवानों की मिठास
और मिट्टी की सुगंध ,तो कहीं
नानी की से छुपकर नाना के संग
कुल्फी का आनंद
मुझे वो बचपन याद आता है
नानी की कहानियां और
नाना की मस्ती , याद आता हैं
मुझे वो मेरा ननिहाल याद आता है