हँस हँस माँ को आपसे ढेरों डाँट पड़ाऊँगी। हँस हँस माँ को आपसे ढेरों डाँट पड़ाऊँगी।
माँ की माँ को माँ कहकर ही ये अंजान बुलाता है। माँ की माँ को माँ कहकर ही ये अंजान बुलाता है।
सूरत की तपती धूप में शीतल छांव है नानी का प्यार सूरत की तपती धूप में शीतल छांव है नानी का प्यार