माँ की माँ को माँ कहकर ही ये अंजान बुलाता है। माँ की माँ को माँ कहकर ही ये अंजान बुलाता है।
आ चल तू मेरे कदमों के निशान के साथ करना सीख ले फर्क अच्छे बुरे का। जान ले कैसे करते हैं बड़ों क... आ चल तू मेरे कदमों के निशान के साथ करना सीख ले फर्क अच्छे बुरे का। जान ले ...
अब की बार तुम निराश ना करना, जागते रहना दिन भर अवकाश न भरना। रात बनी सोने को दि अब की बार तुम निराश ना करना, जागते रहना दिन भर अवकाश न भरना। रात...
जग जाता डग जिसका जग में, जग में है सन्यास वहीं। जग जाता डग जिसका जग में, जग में है सन्यास वहीं।
पर बदकिस्मती से ये हमेशा नज़रंदाज़ होती है। पर बदकिस्मती से ये हमेशा नज़रंदाज़ होती है।
बुद्ध तुममें भी बहना चाहे, तुम मन पट कब खोलोगे ? बुद्ध तुममें भी बहना चाहे, तुम मन पट कब खोलोगे ?