इसके हर ज़र्रे में चुनवाया है मैंने, तुम्हारी स्मृतियों के ज्योति-पुंज...! इसके हर ज़र्रे में चुनवाया है मैंने, तुम्हारी स्मृतियों के ज्योति-पुंज...!
जैसा चाहे वैसे ढालती घर आंगन परिवार अपना। जैसा चाहे वैसे ढालती घर आंगन परिवार अपना।
ये तन और मन तेरा प्यासा नित प्रीत फुहार धार माँगे। ये तन और मन तेरा प्यासा नित प्रीत फुहार धार माँगे।
इस जड़ को आओ मिलकर मिटाए आओ शिक्षा की ज्योति जलाए। इस जड़ को आओ मिलकर मिटाए आओ शिक्षा की ज्योति जलाए।
'कमल' अभिलाषा करे हर बार नव वर्ष मनाने का तभी है आधार जब जीवन में प्रेम हो ऐसे मानो.., धरती ने क... 'कमल' अभिलाषा करे हर बार नव वर्ष मनाने का तभी है आधार जब जीवन में प्रेम हो ऐस...
मैं आशा की लड़ियाँ पिरोती रही इक दीया सी भी ज्योति न मुझको मिली। मैं आशा की लड़ियाँ पिरोती रही इक दीया सी भी ज्योति न मुझको मिली।