STORYMIRROR

Neha Yadav

Inspirational

3  

Neha Yadav

Inspirational

त्याग

त्याग

1 min
224

बड़े खुले विचारों में स्पष्ट करती है,

क्या सही क्या ग़लत ये परख रखती है।


नारी तू जीवन की ज्योति

तेरे बिना ये जग कुछ ना है।


तुझ पे घर आंगन का जिम्मा 

तुझ बिन तो हर बचपन है सुना।


तू तो ममता से परिपूर्ण है

प्रियवर के चरणों में ही तुझे सुकून है।


हर त्याग तू करती है

अकेले लड़ सकती है।


जैसा चाहे वैसे ढालती 

घर आंगन परिवार अपना।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational