कदमों के निशान
कदमों के निशान
आ चल तू मेरे कदमों के निशान के साथ
सिखा दूं तुझे जीना ज़माने के साथ।
दुनिया भर की दौलतें एक तू ही तो है
तुझको ही बना दूँ हीरे मोती से परे।
आ चल तू मेरे कदमों के निशान के साथ
करना सीख ले फर्क अच्छे बुरे का।
जान ले कैसे करते हैं बड़ों का सम्मान
कैसे बचाते हैं अपनी आन बान और शान।
आ चल तू मेरे कदमों के निशान के साथ
करना सीख ले अपने और पराये में अंतर
वक़्त के साथ जीत ले अपने प्यारे मंतर।
दिशा दिखा दी तुझको बढ़ा दे अपने कदम।
साथ चलते चलते ये कहाँ मुड़ गए तुम
जाना था जापान चीन चले गए तुम।
राह भटक गए अपनी दूर हो गए तुम
दिल से लिखे प्यार को भूल गए तुम।
मिटा दिए तुमने क्यों मेरे कदमों के निशान भी
भूला दिए ममता प्यार दया करुणा और संघर्ष भी।
भाता नहीं अब तुमको हमारा ये साथ
कहाँ से लाएं अब वो पुरानी बात।
ले चले हो हमको नयी दुनिया की कराने सैर।
जहां न कोई अपना हर कोई हो गैर।
अपनों का साथ हमें अधिक है अपना
तुम हमें बना न दो कोई सपना।
न पैसे की चाह है न और कोई दरकार
हमको तो चाहिए बस समय का अवकाश।
छोटी सी ज़िन्दगी और अपनों का साथ
दिल चाहे और क्या बस प्यार ही प्यार।
