स्त्री की एक नयी पहचान
स्त्री की एक नयी पहचान
नभ गगन नील आकाश
सारी धरती को कर पार,
गूँजित हर दिशा महाकार
स्त्री की एक नयी पहचान ।
हवाई जहाज के संग अटखेली
पायलट बन जिम्मेदारी लेली ।
बन बस ड्राइवर धरती की
हवा से बातें कर खिलखिलाई ।
हर दिशा में धूम मचाती
रही न अब किसी से अंजान ।
नभ गगन नील आकाश
सारी धरती को कर पार,
गूँजित हर दिशा महाकार
स्त्री की एक नयी पहचान ।
बढ़ चली सेना अब उसकी
दुश्मन को अब रही ललकार।
बन डॉक्टर जीवन रक्षक
संजीवनी का करती प्रसार ।
शिक्षक मार्ग प्रदर्शक है वो
संसार से कराती पहचान ।
नभ गगन नील आकाश
सारी धरती को कर पार,
गूँजित हर दिशा महाकार
स्त्री की एक नयी पहचान ।