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Surya Rao Bomidi

Inspirational

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Surya Rao Bomidi

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बेऔलाद

बेऔलाद

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चारों तरफ़ वृद्धाश्रमों की कतार लगने लगी है

वृद्धाश्रम के हर शख्स की अपनी कहानी है

किसी को बेटों ने छोड़ा है तो कोई खुद छूट गया है

कोई बेटा अपनों को साथ विदेश जाने को मनाया 


तो कोई ऐसा न कर सका जो पत्नी का सताया है

वाह री दुनियां तेरी पहेली कोई न जान पाया है

हम बेऔलाद ही सही पर एक बात तो है

न हमें खुशी है न गम की बेऔलाद हैं


क्योंकि हमें तो यहां आना ही था

यही सोचकर इस मन को कई बार बहलाया है।


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