शक्ति है नारी
शक्ति है नारी
शक्ति है नारी
पड़ सकती है सब पर भारी
मां की ममता के साथ
है काली की छाया
उसे नुकसान पहुँचाने वाला
कभी ना सुखी रह पाया
वो है किसी की बेटी
है किसी की बहना
सोना चांदी तो नहीं
पर है अमूल्य गहना
शक्ति है नारी
पड़ सकती है सब पर भारी
खुद के सपनों को
जिसने है मारा
अपने बच्चों का भविष्य
है उसने संवारा
मार दिया गया उसको
मां की ममता ना मिली जिसको
ना मिला पिता का प्यार
मिली तो सिर्फ इस जालिम दुनिया से हार
शक्ति है नारी
पड़ सकती है सब पर भारी
साथ दो तुम उसका
सम्मान वो तुम्हें देगी
अपमान करो तुम उसका
पीछे मुड़ के न देखेगी
परिवार की खुशियों का
बीज जिसने बोया है
उसने भी अपने
उम्मीदों को खोया है
शक्ति है नारी
पड़ सकती है सब पर भारी
है करुणा की मूर्त वो
भोली सी एक सूरत वो
पर खुद के लिए वो लड़ेगी
असमान तक की चोटी चढ़ेगी
उड़ना उसे भी आता है
पर फिर भी जमीन से
गहरा नाता है
शक्ति है नारी
पड़ सकती हैं सब पर भारी ।।
