मां
मां
नौ बज गए कहके सात बजे जिसने जगाया
हर परेशानी दुख को उसने है भगाया।।
घर का हर कोना उसके होने से खिल जाता है
उसकी छाया से हर पल सुकून मिल जाता है।।
उसे हम कहते है मां
जिसके कदमों में बसता हैं हर बच्चे का जहां।।
उसका आंचल रोक लेता है तूफान और आंधी
उसने घर में खुशियों की डोर है बांधी।।
उसके हाथ के खाने की अलग ही है कुछ बात
उसकी लोरी से ही आती थी वो सुनहरी रात।।
उसे हम कहते है मां
जिसके कदमों में बसता हैं हर बच्चे का जहां।।
जिंदगी का हर पल उसके होने से बन जाता है खास
ये ऐसा है रिश्ता जिसमे है बसा प्यार और विश्वास।।
उसके गोद में सोना मानो जैसे है जन्नत
रोज मिल जाए वो गोद ऐसी है हमारी मन्नत।।
उसे हम कहते है मां
जिसके कदमों में बसता हैं हर बच्चे का जहां।।
इस दुनिया में हमे लेकर आई है वो
भगवान करे उसकी हर कामना पूरी हो।।
बच्चे को आसमान तक पोहोचाने का देखती है जो सपना
लग जाती है सेवा में सबकी नींद चैन छोड़ वो अपना।।
उसे हम कहते हैं मां
जिसके कदमों में बसता हैं हर बच्चे का जहां।।
