गांधी बापू
गांधी बापू
अ कहता ऐसे थे बापू
ब कहता ऐसे थे बापू
मुझसे पूछो मैं बदलाव कैसे थे बापू
संत फकीरों जैसे बापू हिंसा के सागर
में जैसे हो कोई करुणा का टापू
ऐसे हाथे ऐसे बापू
ए बापू मेरे इस भारत के तुम एक मात्र ही नाथ रहे
जीवन का सार देकर इसको तुम इसके साथ रहे
तेरे कार्यों से बापू मेरे यह भारत चीर स्वाधीन हुआ
उपकारो का ऋण सदा यहा तेरे ही आधीन हुआ
कल्पों में भी कभी आशा जन गण मन को साकार करो
आओ बापू आओ फिर से हम सब का भी उद्धार करो
सारी दुनिया ने जानी है सब लोगों ने मानी है
तेरी कार्यों की कहानी आज तो
ए बाबू तुम आ जाओ हम सब का कल्याण करो
इतनी सी है दिल की आरजू
ए बापू तुम आ जाओ हम सब का कल्याण करो
इतनी सी है दिल की आरजू।
