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Kavita Sharma

Inspirational

5.0  

Kavita Sharma

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मधुर भाषा हिन्दी

मधुर भाषा हिन्दी

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सारे विश्व में सबसे प्यारा है भारत देश

विश्व की प्रतिमूर्ति कहलाता, है यह बहुत विशेष

कई बोलियां, कई भाषाएं यहां हैं बोली जातीं

पर हिन्दी ही सबसे मधुर राष्ट्रभाषा कहलाती

गुलामी की लंबी यात्रा में हिन्दी का रहा बड़ा योगदान

हर राज्य को जोड़ा इसने एक बना था हिंन्दुस्तान

आजादी को पाने में बनी यह सशक्त कड़ी

एक भाषा बोली, समझी जाए जरूरत थी आन पड़ी

अंग्रेजों ने विदेशी शिक्षा का प्रसार बड़ा किया

उनकी रंग में रंग जाएं प्रलोभन भी दिया

'गांधी जी' ने आगे आकर विरोध था इसका किया

"अंग्रेजी शिक्षा गुलाम बनाने के कारखाने हैं

इसको मत अपनाओ " जागरूक सबको किया

हिन्दी विद्यालयों का काफ़ी प्रचार प्रसार था किया

अंग्रेजों ने कूटनीति का लिया था फिर सहारा

फूट डालो शासन करो नियम था यह अपनाया

अंग्रेजी को' मैकाले 'ने माध्यम था बनाया

आज़ादी तो हमने पायी तिरंगा लाल किले पर फहराया

हिन्दी को राष्ट्रभाषा का दर्जा भी दिलाया

पर अंग्रेजी के बढ़ते प्रभाव से

भारतीय खुद को दूर न रख पाया 

धीरे-धीरे अपने देश में हिन्दी हुई उपेक्षित

केवल कहलाने को रह गई देश में सर्वोच्च 

हिन्दी ने जबकि किया अन्य भाषाओं को स्वीकार

उर्दू, फारसी, अंग्रेजी शब्दों का मिलता शब्द भंडार

अन्य भाषाओं के शब्द ऐसे रच बस इसमें गये

लगता ही नहीं कहीं बाहर से आए हैं हुए

अन्य भाषाओं में यह विशालता पाओगे नहीं

खुले दिल उनका स्वागत वे करें हो सकता यह नहीं

हर देश अपनी राष्ट्रभाषा को देता कितना मान

जाओ तुम चीन या घूम आओ जापान

सार काम काज राष्ट्रभाषा में ही है होता

फिर भारत में अंग्रेजी को मान है क्यों इतना मिलता

हिन्दी बोलने में अपने को क्यों समझें हम हीन

हिन्दी हमारा स्वाभिमान है देश की शान है

हिन्दी को पुनः स्वीकारें जीवन में इसे अपनाएं

केवल संविधान के कागजों पर राष्ट्रभाषा न कहलाए

व्यवहार में इसे अपनाकर दैनिक कार्यों में अमल में लाएं



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