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Kavita Sharrma

Abstract

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Kavita Sharrma

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साथ तुम्हारा

साथ तुम्हारा

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 कितने भी होने दो मुश्किल भरे रास्ते 

कभी साथ न छोड़ेंगे इक दूजे का

कांटे कितने भी आएं फूलों को बिछा देंगें 

कितना प्यार करते हैं जिंदगी भर निभाएंगे 

कभी खुशी कभी ग़म का दौर तो चलता रहेगा 

कभी न विश्वास इक दूजे पर कम होगा

सुख में तो सब देते हैं साथ 

दुःख में जब दे साथी साथ 

जीवन मे सब कितना लगे आसान।


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