नया साल नयी उम्मीद
नया साल नयी उम्मीद


पलक झपकते ही जैसे यह साल भी बीत गया
कोई हारा अपने संघर्षों से तो कोई जीत गया ।
साल नया आया उम्मीद की किरण दे गया
दिन वैसे ही निकला आज भी पर आस दे गया।
कितने सारे खुद से वादे फिर कर लिए हैं
पूरे होंगे इस बार हिम्मत बढ़ा गया।
सबकी चाह यहां पूरी होती नहीं
कुछ अधूरी तो कुछ की मुकम्मल हो गईं।
किसी से शिकवा शिकायत जो रह गई
दिल ने उन्हें नये साल में पीछे छोड़ दिया।
नये साल का स्वागत करें पूरे मन से इस बार
इक कदम विश्वास का अब उठा लिया।