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गरीबी सबसे बड़ी सजा

गरीबी सबसे बड़ी सजा

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ख़ुशियों को हर कोई बाँट लेता हैं

पर किसी के ग़म को बाँटना आसान नहीं होता

किसी ज़रूरतमंद की मदद करना इंसानियत है

ये किसी पर कोई एहसान नहीं होता

 

परिंदे भी लौट आते हैं आखिर में अपने बसेरे की ओर

पर कई इंसान ऐसे भी हैं जिनका कोई मकान नहीं होता 

एक बच्चा सड़क के किनारे बैठे कुछ सोच रहा था

क्या ग़रीब बच्चों के दिल में कोई अरमान नहीं होता ?

 

ये बात सच है की हर एक का अपना अपना नसीब है

पर क्या कमजोर लोगों को देख मन कभी शर्मिंदा नहीं होता 

आज के दौर में गरीबी से बड़ी कोई सजा नहीं

काश ऐसा हो के गरीबी का ही कोई नाम-ओ-निशान नहीं होता !


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