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Shailaja Bhattad

Abstract

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Shailaja Bhattad

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श्रीराम

श्रीराम

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नाम जप राम जप जपता रह तू राम

शुद्ध समर्पण का संज्ञान लक्षित प्रभु परम धाम


सर्व मंगल कामना शांत चित्त भावना 

अभिमंत्रित संकल्प में विश्व कल्याण की भावना


हो व्यवस्थित साधना मूल मंत्र है प्रार्थना 

रमापति की साधना रमापति से प्रार्थना


सर्व समर्थ राम है सशक्त मन की धारणा 

भक्तों का संसार है भक्ति की अवधारणा


दिव्य राम नाम है, दिव्य ऊर्जा संचार है 

करतल ध्वनि से कर रहे नाम की झंकार है


रघुनाथ का अनुष्ठान है, ध्यान का संज्ञान है

 तर रहा रोम-रोम, यही ब्रह्म ज्ञान है


 राम नाम के जाप से हो रहा अभिषेक है

 मूल मंत्र शांति का, बना रहा हमें नेक है


पुण्य प्रभाव कर्म का शाश्वत आशीष रहे

प्रभु दृष्टि से मूक भी सुखी समृद्ध वागीश रहे


राम कृपा से जीव में सत्संग का स्पंदन रहे

राम नाम के कीर्तन की खुशबू में चंदन रहे


राम नाम की खिड़की खोली, राम नाम का दर भी खोलो

आत्ममिलन का पल न बीते, हिय तल से पवित्र होलो।


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