कविता कवि की ही ना होती,कवि की भावों पे ना चलती, थोड़ा समाज भी चलता है, दुख दीनो का भी फलता है। कविता कवि की ही ना होती,कवि की भावों पे ना चलती, थोड़ा समाज भी चलता है, दुख दीनो...
कई छल है, कपट है, चतुराई है, जिवन मे, इन सब से परे मैं आत्म संज्ञान चाहता हूँ! कई छल है, कपट है, चतुराई है, जिवन मे, इन सब से परे मैं आत्म संज्ञान चाहता हूँ!
आओ चलो करें मतदान, करना है फिर राष्ट्र निर्माण। आओ चलो करें मतदान, करना है फिर राष्ट्र निर्माण।
सोचो देखो क्या मिलता है नाहक शिव से लड़ने में, किंचित अब उपाय बचा है मैं तजकर शिव हरने सोचो देखो क्या मिलता है नाहक शिव से लड़ने में, किंचित अब उपाय बचा है मैं तजकर ...
क़ुर्बानी तो तूने दे डाली, पर अनुषठान अभी भी बाक़ी है व्रत तो रखे नवरात्रे में, पर रमज़ान अभी भी ... क़ुर्बानी तो तूने दे डाली, पर अनुषठान अभी भी बाक़ी है व्रत तो रखे नवरात्रे में...
आखिर धीर धीरे, गर्मी दस्तक देने लगी। आखिर धीर धीरे, गर्मी दस्तक देने लगी।