पहले माँ के आँचल से बच्चा गीले हाथों को पोंछ लेता था ,कभी माँ के आँचल से अपने को छूपा लेता था माँ का... पहले माँ के आँचल से बच्चा गीले हाथों को पोंछ लेता था ,कभी माँ के आँचल से अपने को...
ना थाह है ना ठिकाना बहते रहना मेरी कहानी ना थाह है ना ठिकाना बहते रहना मेरी कहानी
अपना अस्तित्व मिटाकर, सम्पूर्णता प्राप्त करती हूँ। अपना अस्तित्व मिटाकर, सम्पूर्णता प्राप्त करती हूँ।
लोग आये परिंदे आये परमात्मा आये सबने बनाया अपना अपना आशियाना मेरे किनारे किनारे। लोग आये परिंदे आये परमात्मा आये सबने बनाया अपना अपना आशियाना मेर...
खो कर पहचान अपनी बस अपनों में मिल जाती हूँ खो कर पहचान अपनी बस अपनों में मिल जाती हूँ
पल रहा होता एक तूफान है एक बोझ के तले दब जाते हो पल रहा होता एक तूफान है एक बोझ के तले दब जाते हो