STORYMIRROR

Devaram Bishnoi

Abstract

4  

Devaram Bishnoi

Abstract

"दुनिया परिवर्तनशील हैं"

"दुनिया परिवर्तनशील हैं"

1 min
24


जब भी तुम्हें मदद कि जरूरत हो।

तुम ईश्वर से मदद मांग लिया करो।


दुनिया मदद तो शायद करेंगी

नहीं मज़ाक़ ज़रूर उड़ायेंगी।


एक दूसरी कि मदद करते रहते तो 

ईश्वर मदद कि जरूरत नहीं होती।


यदि हर इंसान सुख दुःख में काम आयें 

तभी दुनिया में इंसानियत बची रहेगी।


दुनिया में सब इंसान एक समान नहीं 

कोई बहुत गरीब हैं तो कोई धनवान हैं।

 

इस दुनिया का परिवर्तनशील नियम हैं 

रंक से राजा एक पल में वही फकीर है।


जो भी समय पर संभल चेत गया 

उसका भवसागर से बेड़ा पार हुआ।


कवि देवा कहें

खाली हाथ आए खाली हाथ जायेंगे।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract