_रिश्ते नाते-
_रिश्ते नाते-
प्रिय जनों यदि रिश्ता तोड़ रहे हो।
कभी सोचा है कि फ़िर ऐसा मिले।।
आप जैसे वैसे ही भी अगले होंगे
तभी वो टुटे रिश्ते नाते वाले मिलेंगे।।
रिश्ते नाते बनाये रखने की चीज़ हैं।
रिश्ते नातों को निभाने कि दरकार हैं।।
रिश्ते नाते हमारे घमंड से टूटते हैं।
घमंड राजा रावण का भी नहीं चला।।
महाबलशाली रावण कि लंका जली।
तो फ़िर हम किस बाग़ कि मूली हैं।।
हम लाख करोड़ के चक्रव्यूह में फंसे
काग़ज़ आकलन सूं धर्म नहीं निभावें।।
आगे बार बार पक्षाक्ताप गले लगाते।
सोचा हैं रिश्ते गुढ़ीगुढ़ा का खेल नहीं।।
मजबूत इरादों वाले वो होते हैं।
जो रिश्ते सात पीढ़ी तक निभाते हैं।।
पतिव्रता स्त्री पति को परमेश्वर माने।
कर्कक्षा नारी वो अश्लीलता बिखरे।।
कवि देवा कहें_
रिश्ते नाते दिल से निभाएं।
संभलकर रिश्ते नाते बनाये।।
