-हरि प्रभु भक्ति-
-हरि प्रभु भक्ति-
पीर लिखो तो मीरा जैसी,
मिलन लिखो कुछ राधा सा,
दोनों ही है कुछ पूरे से,
दोनों में ही वो कुछ आधा सा….
❤️
प्रित लिखो तो सीता जैसी
मिलन लिखो कुछ हनवंत सा
दोनों ही है कुछ पूरे से,
दोनों में ही वो कुछ आधा सा….
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भक्ति लिखो तो नृसिंह जैसी
नेनी भात लिखो कुछ कृष्ण सा
दोनों ही कुछ पूरे से,
दोनों ही वो कुछ आधा सा......
❤️
कवि देवा कहें_
यदि ईश्वर के अलावा और कही
मन लगाया तो पछताना ही पड़ेगा।।
