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Sudhir Srivastava

Abstract

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Sudhir Srivastava

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शिव के द्वार चलें

शिव के द्वार चलें

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लो जी फिर सावन मास आ गया

सोच विचार अब त्याग दो,

हम सब भोले के धाम चलें

आओ! चलो चलें शिव द्वार चलें।

आओ हम भी शिव द्वार चलें

नमन वंदन कर शिव जी को,

भांग धतूरा बेलपत्र संग मिश्री मिष्ठान

दूध जल अर्पित करें शिव जी को। 

शिव से हम सब फरियाद करें

हर जन का वो कल्याण करें,

विनय हमारी शिव बाबा जी

निश्चय ही सबका स्वीकार करें। 

विश्वास कर हम सब अपना

तन मन अर्पित कर आयें,

शीश झुकाकर शिव द्वारे पर 

उनको अपनी फरियाद सुनाएं। 

उठो! चलो! अब देर न करो

सबसे पीछे तुम नहीं रहो,

अपने सारे काम छोड़कर

हम आज, अभी शिव द्वार चलें। 

जो भी उनको नमन करें

भेदभाव शिव कहाँ करें,

हम अब और न देर करें

आओ! सब शिव के द्वार चलें। 



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