किंतु जब मैं ढलता हूँ, मुझे कोई नमन नहीं करता है, थके हुये मेरे तन को, कोई आर्ध्य नहीं देता, किंतु जब मैं ढलता हूँ, मुझे कोई नमन नहीं करता है, थके हुये मेरे तन को, कोई आर्ध...
निज सुख साधन सब छोड़ चले, भारत को प्रबल बनाने को, प्रत्याशा के दीप जला, अँधियारा सकल मिटाने को, वो पा... निज सुख साधन सब छोड़ चले, भारत को प्रबल बनाने को, प्रत्याशा के दीप जला, अँधियारा ...
ध्यान में मेरे गुरुदेव तुम हो... ध्यान में मेरे गुरुदेव तुम हो...
बरगद बाबा की पूजा के सूत्रों तक जाती है। बरगद बाबा की पूजा के सूत्रों तक जाती है।
पृथ्वी वासी एक कुटुम्ब भांति चाहे अलग हो स्तर या भिन्न हो जाती पृथ्वी वासी एक कुटुम्ब भांति चाहे अलग हो स्तर या भिन्न हो जाती
जाने कब समझेंगे कठपुतलियां ही तो हैं हम। जाने कब समझेंगे कठपुतलियां ही तो हैं हम।