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Dr J P Baghel

Abstract

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Dr J P Baghel

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बरगद बाबा

बरगद बाबा

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धरती पर वृक्षों का जीवन से पवित्र नाता है 

जंगल में कहिए मंगल के गीत कौन गाता है।


छोटे बड़े विशाल रूप आकार फूल फल वाले 

विविध नाम गुण गंध वृक्ष के हैं उपयोग निराले।


मान शमी पीपल अशोक वट आम्र अधिक पाते हैं 

देव समान मान, वट पीपल ही पूजे जाते हैं।


यों ही नहीं बने वट पीपल पूजा के अधिकारी

होंगे कुछ उपकार हमारे ऊपर उनके भारी।

 

चढ़ा आदिमानव बरगद पर जब भी जान बचाई 

यायावर जब हुआ छांव छत बरगद की ही पाई।


वट पीपल ही बने शरण स्थल फिरते चरवाहों के 

वर्षा ऋतु में रहे प्रचुर पर्याय चरागाहों के।


कुल के वृद्ध शरण के स्थल पर जब भी मरते होंगे 

कुनबे उनके लौट याद कर वंदन करते होंगे।


बार-बार के नमन वटों पर प्रथा बने पूजन की 

गतानुगत है लोक सचाई नहीं पता जीवन की।


घनी छांव बरगद की जब भी मुझे याद आती है 

बरगद बाबा की पूजा के सूत्रों तक जाती है।


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