एक कली
एक कली
इस बहार में एक कली फूल बनेगी
उमंगों का रंग सजाकर
सफ़लता के मद्धिम खुशबु संग
मुस्कराहट की पंखुड़ियों से अंग
आशा की तनों पर
समय को मात देने
अपने प्रतिभा के किरण से
जीवन बाग में
कि कहीं कोई देख
हर्षित होगा
कोई प्रेरणा श्रोत मानेगा
कोई प्रिय को भेंट
तो कोई आकृष्ट हो
तोड़ने को तत्पर होगा
आज एक कली फिर फूल बनेगी
एक नए जीवन को जगाने
किसी जीवन को हंसाने
किसी के आंगन को सजाने
अपने आप को खामोश रख
आज एक कली फिर फूल बनेगी।
