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GOPAL RAM DANSENA

Abstract Inspirational

3.5  

GOPAL RAM DANSENA

Abstract Inspirational

क्या क्या न देखा

क्या क्या न देखा

1 min
178


जीवन की इस सफ़र में, क्या क्या न देखा I

जाने ये सब इत्तफाक है या कर्मों का लेखा I


सपने हजार देखे, खुद को होते लाचार देखा I

छोटी सी जिंदगी में, अरमानों का बाजार देखा I


फर्क क्या भले बुरे में, आफत सिर पर जब ।

अपने भी तो साथ हंसे, जब तक था मतलब I


वो बुरा नहीं था, जिसने मुझे सहारा दिया

बुराई तो नियत में थी, जो हमने धारा दिया


हाँ यहीं जीवन है, जिसका अता पता न देखा

जीवन की इस सफ़र में, मैं क्या क्या न देखा I



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