वो न हारेगा
वो न हारेगा
जग आफत में आज कैसी ये नजारे I
तेरी राह में जो आए खाक हुए सारे I
इस ज़मीं आसमा पर तेरा ही चलता है I
उस ज़मीं आसमा पर तेरा मन मचलता है I
याद रखो धरती ने दो ही वीर जने हैं I
एक मातृ भूमि के सपूत, दूसरे संत बने हैं I
आततायी के घर कभी गुलजार न हुआ है।
वक्त पर उसके अरमान तार तार हुआ है ।
रहम तेरा स्वाभिमानी स्वीकार न करेगा I
जीत का परचम तेरा,वो अंगीकार न करेगाI