STORYMIRROR

नासा ( NaSa ) येवतीकर

Abstract

4  

नासा ( NaSa ) येवतीकर

Abstract

कोरोना से ना हारे

कोरोना से ना हारे

1 min
270

हमने कब उसे अपने घर बुलाया है ? 

फिर भी वह चलकर अपने घर आया है

सबको अलग रहने का संदेशा लाया है

कोरोनाने हम सबको बहुत रुलाया है


ना जाने ये कौनसी ऐसी बिमारी है

सब रोगो को पड रही भारी है

ना किसींको नजदीक आने देती है

ना किसीं को चैन से सोने देती है


अब कोई लापरवाही हम नहीं करेंगे

सभी नियमों का पालन हम सब करेंगे

चलो मिलजुलकर हम सब आगे बढते है

कोरोना से ना हार मानकर उसे मिटाते है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract