STORYMIRROR

Ruchika Rai

Abstract

4  

Ruchika Rai

Abstract

रक्षाबंधन

रक्षाबंधन

1 min
371

कच्चे धागे की मजबूत डोर से ये बँधा है,

दिल से दिल का हर तार सदा ही जुड़ा है,

मोल नही लगा सकता इस पावन प्रेम का,

भाई बहन का प्रेम सबसे प्यारा अनूठा है।


सुख दुख में दोनों एक दूजे के सदा साथ हो,

मुश्किलों में थामे एक दूजे का सदा हाथ हो,

बनकर ढाल एक दूजे के सदा ही रहे दोनो

एक दूजे के रक्षक बनें सदा दीनानाथ हो।


 खेल कूदे हँसे गाये और संग खुशियाँ मनाएं,

लड़े झगड़े आपस में रूठे और फिर मान जाएं,

हर तीज त्योहार उत्सव रौनक हो मिलजुल,

छोटी छोटी बातों में भी प्रेम और हक जतलाये।


कच्चे धागे से जुड़ यह रिश्ता पावन बन जाये,

हर रिश्ते से अलग यह रिश्ता सदा कहलाये,

एक दूसरे के रक्षा का वचन सदा ही ले दोनों,

एक दूजे के लिए मन में निःस्वार्थ प्रेम पाएं।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract