प्राकृतिक आपदा
प्राकृतिक आपदा
जब –जब बापू नीले आसमान से,
आपदा को मात्र भूमि पर देखता होगा।
मौसम की कुदरती दर्दनाक मार,
भूमि पुत्रों को सहते देखता होगा।
देश-वासियों की व्यथा देखकर रोता होगा,
स्टार्टअप की आगाज से खुद को संभालता होगा।
सटीक मौसम पूर्वानुमान से सुखी होता होगा,
वैज्ञानिकों के प्रयासों को जरूर सराहता होगा।
सौ साल पहिले भी मौसम रहा होगा,
आज भी हैं और कल भी रहेगा !,
तो कौशल भारत से नया क्या होगा ?,
मौसम आपदा की शीघ्र चेतावनी देगा।
सौ साल पहिले खगोलीय पूर्वानुमान था,
आज मौसम पूर्वानुमान रहेगा।
कल सयय, स्थान, और मात्रा सूचक,
कल से बेहतर मौसम पूर्वानुमान होगा।
भारत मौसम विभाग के संग –संग,
मेक इन इंडिया के साथ – साथ
चारों तरफ विराजमान देश में होगी,
हरि, सफेद, मुद्रा क्रांति साथ –साथ।
डीजिटल इंडिया के संग –संग,
किसान और आम आदमी के बदलेंगे,
रुप, रंग, दिशा, दशा और जीने का ढंग।
नहीं लड़नी पड़ेगी अचानक मौसम आपदा से जंग।
चारों तरफ होगी आर्थिक समृद्धि की बहार,
खुलेंगे रोजगार के नये-नये द्वार।
न जाना पड़ेगा रोजगार पर,
पर- प्रांत और देश से बाहर।
जब डीज़ीटल, स्टार्टअप पर होगी नजर,
मेक और कौशल इंडिया लाएगी बहार।
जब उसे अपना लेंगे हमारे दिल के द्वार,
बेकारी व बेरोजगारी जाएगी हार।
सटीक मौसम पूर्वानुमान से,
नहीं पड़ेगी मौसम की बुरी मार।
ना बिछड़ेगा अभी कोई परिवार,
ना पति-पत्नी और बच्चों का प्यार।
क्योंकि साथ-साथ दौड़ेगा, मौसम पूर्वानुमान,
सटीक आपदा प्रबंधन तंत्र संचार तंत्र हैं तैयार।
हरेक भारतीय को मिलेंगे मौसम के समाचार,
खोल के खुद देख सकेगा मौसम वेब बार-बार।