राजकीय संत.
राजकीय संत.
राजकीय संत.
भारत देश में जन्मा था एक बालक विलक्षण,
उस बालक के असाधारण थे बचपन से लक्षण।
गुजरात प्रांत पोरबंदर में लिया शालान्त शिक्षण,
स्नातक उच्चशिक्षा प्राप्ती के लिए लंदन पलायन।
स्नातक के पश्चात सीधा दक्षिण अफ्रीकामें आगमन,
दक्षिण अफ्रीका को बनायां प्रथम अपना कर्मस्थान।
सत्य के मार्गपर चलनेका उसने किया था दृढ़ प्रण,
अधिवक्ता करके सत्य मुकदमोंका करता था चयन।
वह रंगभेद नीतिको देखकर हुआ था परेशान,
मानव मानव को रखे गुलाम रंग के कारण।
रंगभेद नीतिके विरुध्द छेड़ा वहा जनआंदोलन,
शांती,अहिंसा,सहिष्णुता था विरोध का साधन।
रंगभेद नीति की विश्व को मिली प्रथम पहचान,
रंगके आधार पर मानव का मानव पर कुशासन।
सहिष्णुता,अहिंसा,शांती के संतको नहीं हुआ सहन,
रंगभेद नीति मिटानेके लिए वही छेड़ा था आंदोलन।
रंगभेद विरोधी नीति का बिच में छोड़ा आंदोलन,
देश के आझादीके लिए भारतमें छेड़ा जनआंदोलन।
अहिंसा ,शांती व विरोध प्रदर्शन था बापुका मिशन,
बापु के नेतृत्व में, देशने की थी आझादि ग्रहण।
